Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने shiv chalisa lyricsl से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि shiv chalisa in hindi आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥